गणेश वन्दना

                                                                  गणेश वन्दना


हे हस्ति मस्तक धारी,
विघ्नहरी, विघ्नेश्वरा,
नमन तुम्हारे चरणों में, कर जोड़कर मेरा ।

    गणपति, गणेश, तुम गणों के हो ईश,
    मैं एक अबोध, तेरे द्वार पर खड़ा,
   लीन तेरी वन्दना में, धीन तेरी साधना में,
   ले मशाल भक्ति का, तेरी अपार शक्ति का,
   वाचना में तुझको बोलूँ, गान में तेरा नाम घोलूँ,
   सर्वव्यापी देव तू ,
   भक्त तेरा तुझको पुकारे,
   अपना जीवन तुझपर वारे, 
   कर स्वीकार मेरी प्रार्थना, व्यर्थ न जाये ये साधना ।

हे एकदन्त, लंबोदर,
ले सारे दुःख को हर,
उपकार कर अपनी कृपा का,
जग को तू उल्लास दे, ज्ञान दे  दिन और दिशा का,
आएं जो तेरी शरण में, ले तेरा नाम मन में,
ज्योति दे अपनी विधा का, तृप्त कर उनकी पिपासा ।

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